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स्वराक्षी swrakshi स्वरा swra

Romance Tragedy Classics

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स्वराक्षी swrakshi स्वरा swra

Romance Tragedy Classics

चले आओ मौसम

चले आओ मौसम

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चले आओ मौसम सुहाना हुआ है

तुम्हें देखे दिलबर जमाना हुआ है ।।


छुपे हो कहाँ तुम, झलक तो दिखाओ

तुम्हें देखे दिलबर जमाना हुआ है ।।


अभी तुम न जाओ,जरा देर ठहरो

बड़ी मुद्दतों से तो आना हुआ है ।।


हर एक बूंद पानी से सस्ता हुआ है

हुआ खून महंगा पुराना हुआ है ।।


न घर में,न बाहर न माता के अंदर

मुश्किल परी को बचाना हुआ है ।।


बिखरने लगे हैं सभी शब्द देखो

दर्द में डूबा तराना हुआ है ।।


स्वरा बच के रहना यहाँ आईनों से

सुना है कि वो क़ातिलाना हुआ है।


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