STORYMIRROR

Aarti Sirsat

Abstract Romance Inspirational

4  

Aarti Sirsat

Abstract Romance Inspirational

जीवन

जीवन

1 min
189

अनजानी सी राह में

अनजाना सफर है।

लापता है मंजिल और

बेगाना हमसफर है।।


धुंधली है कागजों पर लिखी हुई गज़लें 

शायद आँसुओ की ओस पड़ी होगी।

बरसने का तो कोई मौसम नही है

शायद धरती की तलब बडी होगी।।


सपनों का जहां है 

सपनों में ही बिताना होगा।

झूठ के इस आलम में 

सच को भी छुपाना होगा।।


तुम तो लगा लेते हो 

आपना दिल हर किसी से 

हमें तो तुम्हारे बीना 

ही जीवन जीना होगा।


औरों का काम तो है 

बस देखना

तुम्हें तुम्हारा बोझ 

खुद ही उठाना होगा।।


ऐ जो बला आई है अब तो 

दूर से ही लोगों से मिलना होगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract