"मुझमें फिर से बहार न आयेगी"
"मुझमें फिर से बहार न आयेगी"
सावन वो आने से....!
जमाना वो लाने से....!!
या फिर तुम्हारे आ जाने से....!!!
मुझमें फिर से बहार न आयेगी....!!!!
मुझमें फिर से बहार न आयेगी....!
मुस्कान वो पहले वाली न छाएंगी....!!
आ जायेंगे पेड़ों पर नये पत्ते....!
रेगिस्तान में भी हरियाली छाएंगी....!!
धरा की मिट्टी भी नई हो जायेगी....!!!
मगर मेरे चेहरे पर वो पहले वाली मुस्कान नहीं आयेगी....!!!!
मुझमें फिर से बहार न आयेगी....!
मुस्कान वो पहले वाली न छाएंगी....!!
शायद पतझड़ में बहार आ जाये....!
पत्थरों में जान आ जाये....!!
दिल तो आज भी धड़कता है मेरा वैसे ही....!!!
लेकिन जुर्रत नहीं कि पहले जैसा जीना आ जाये....!!!!
मुझमें फिर से बहार न आयेगी....!
मुस्कान वो पहले वाली न छाएंगी....!!
जमाना ये बदल जायेगा.....!
तुम बदल जाओगे हम बदल जायेंगे....!!
शायद नहीं बदल पायेगा....!!!
तुम्हारे लिए मेरा प्यार
और ना फिर हम बदल पायेंगे....!!!!
मुझमें फिर से बहार न आयेगी....!
मुस्कान वो पहले वाली न छाएंगी....!!