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pawan mohakul

Romance

4.4  

pawan mohakul

Romance

वादे अधूरे छोड़ना कोई तुमसे सीखे

वादे अधूरे छोड़ना कोई तुमसे सीखे

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वादे अधूरे छोड़ना कोई तुमसे सीखे,

उम्मीद जगाके तोड़ना कोई तुमसे सीखे।


दिन रात का मेरे साथ उठना और बैठना,

फिर हाथ छोड़ाकर जाना कोई तुमसे सीखे।


मना लेते हो मेरे दिल को झुटा दिलासा दे कर, 

और खुद जिद पर अड जाना कोई तुमसे सीखे।


हर फूल को गुलदस्ते में सजाने का सौक रख,

पंखुड़ी दार पंखुड़ी उधेड़ना कोई तुमसे सीखे।


किसी गीत के मुक्तक सा सदा पिरोया तुमको,

पर धागा धागा बिखर जाना कोई तुमसे सीखे।


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