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pawan Mohakul

Tragedy Fantasy

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pawan Mohakul

Tragedy Fantasy

दिल मुझे छोड़कर नहीं जता

दिल मुझे छोड़कर नहीं जता

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ऐसा तो नहीं है की तुम्हे सुनाई ही नहीं आती,

बस मेरा चुप पर तुम्हारी ध्यान नहीं जाति ।


मेरे आंखों का पानी कभी चखकर देखना,

जाम इससे ज्यादा तो नसीला नहीं आता ।


तुम पुकारो मुझे और मैं लौट भी ना पाऊं,

मोहब्बत में कभी ऐसा मुकाम नहीं आता ।


मेरे होटों पर खामोशी नहीं तेरी होठ होना था,

शायद कभी दिल मुझे छोड़कर नहीं जाता ।


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