नर शक्ति
नर शक्ति
आंसू पीकर, दर्द सहकर,
चुप रहकर मुस्कुराना
सीख सकता हूं मैं।
बिना रुके, बिना थके
रोज वही काम करके
सबको खुश रखना
सीख सकता हूं मैं।
कितना अच्छा हूं
मैं अपनों के लिए
खुद को खुद से
दूर कर देता हूं मैं
खुद को खुद में
दफन कर
जिन्दा रहना
सीख सकता हूं मैं।
कोई मुझ सा
ना बने कभी,
ये दुआ हर रोज
करता हूं मैं।