पहचान मेरी तिरंगा हो !
पहचान मेरी तिरंगा हो !
इस धरती से उस अंबर तक,
बस शान मेरा तिरंगा हो,
चाहे कुछ हो या न हो पर,
अरमान मेरी तिरंगा हो।
जब जब आउं इस दुनिया में,
हो इतना करम मेरे मौला,
वो धरती हिन्दुस्तान की हो,
वो निशान मेरी तिरंगा हो !
जिसके लिए यह दिल धड़के,
वो जान मेरा तिरंगा हो,
जिसकी आंखें सजदा करे,
अभिमान मेरी तिरंगा हो।
जब भी हो सर्वस्व न्योछावर,
हो इतना करम मेरे मौला,
वो धरती हिन्दुस्तान की हो,
और जुवान मेरी तिरंगा हो !
होंठों को जो गीत मिले,
तो गान मेरा तिरंगा हो,
जिसका वैभव दुनिया गाये,
वो आन मेरी तिरंगा हो।
जब हो मर मिटने की बारी,
हो इतना करम मेरे मौला,
वो धरती हिन्दुस्तान की हो,
पहचान मेरी तिरंगा हो !