आज भी है
आज भी है
इन आँखों में आँसुओं की तासीर आज भी है,
ये तन्हा तेरे राह का राहगीर आज भी है,
तू मिटा दे हर यादों को पर जान ले यह,
मेरे दिल पे तेरी ज़ागीर आज भी है !
कतरा कतरा में ही जीते रहे,
कतरा कतरा अश़्क पीते रहे,
हर कतरे मे तेरी झलक आज भी है,
इन हवाओं में तेरी महक आज भी है !
न जमीं आसमां में कुछ भी मेरा,
न श़ाम आज की न कल का सबेरा,
पर हर पल में तेरी चहल आज भी है,
तेरी बेरूखी से दिल विकल आज भी है !
धड़कन का जब दिल से हीं बगाबत हो,
पुरी कैसे मेरी अब इबादत हो,
पर तु मेरी बन्दगी में आज भी है,
तु ही तु मेरी जिन्दगी में आज भी है !
लब्ज खामोश दिल भी रोष में है,
ये आँखे अश़्कों के आगोश मे है,
हर आहट पे मेरी चौंकती नज़र आज भी है,
जर्रे जर्रे मे तुझे ढूंढती नज़र आज भी है !
दर्द अब लांघ चुकी हर सीमायें,
अब तो बस संदल चाहे ये बाँहें,
इन बाँहों में तेरे टूटने की कहक आज भी है,
दिल के आँगन में तेरे पाजेब की खनक आज भी है !
"मै" मीटे "हम" बने बस तेरा साथ रहे,
कब तलक यूँ ही मन निर्वात रहे,
तेरे बिन अधुरेपन का एहसास आज भी है,
तुझे पा कर मुकम्मल होने की आस आज भी है !
ज़ख्म जब ज़ख्म से ही द्वेष करे,
ऐसे में भला क्या प्राणेश करे,
हर जख्म पे तेरे प्यार की मलहम आज भी है,
तेरी याद में लिखती मेरी कलम आज भी है।

