और संसार की कठपुतलियां, एक दूसरे को नचाने में ही उलझ जाती है। और संसार की कठपुतलियां, एक दूसरे को नचाने में ही उलझ जाती है।
कमजोर इसकी डोर नहीं है विश्वास का हर एक धागा है। कमजोर इसकी डोर नहीं है विश्वास का हर एक धागा है।
कोई तुमसे पूछे कौन हूं मैं कह देना मुझे याद नहीं। कोई तुमसे पूछे कौन हूं मैं कह देना मुझे याद नहीं।
हूँ मैं तो दिवानी सजन की। हूँ मैं तो दिवानी सजन की।
मुझे अपना कोई दर्द नहीं बतलाती है, मेरी हर खुशी को धागे में पिरोते जाती है, कुछ भी कर दो उसक... मुझे अपना कोई दर्द नहीं बतलाती है, मेरी हर खुशी को धागे में पिरोते जाती है,...
मकर संक्रांति में सबने पुण्य ही माँगा। मकर संक्रांति में सबने पुण्य ही माँगा।