खामोशी
खामोशी
मैं आपको मैसेज करती हूँ
"आज आप कॉल करेंगे ?"
कुछ देर बाद
जवाब आता है आपका
"हाँ ! करेंगे ना"
मेरे लिए क्या ये तीन शब्द
क्या उन अल्फाज से कम हैं
जिस में प्रेमी
बयां करते हैं आपना प्रेम l
जानती हूँ,
अभी आप हंस रहे होंगे
आप हमेशा ऎसा ही करते हैं
जब मैं बोलती हूँ
"क्यूँ कुछ नहीं बोलते ?"
आप बोलते हैं
"क्या बोलूँ बोलो तो"
ठीक है
अब हम दोनों खामोश रहते हैं l
लफ़्ज़ों को खुद ढूंढने हैं
अपनी अपनी कश्ती
फिर वो ढूँढ लेंगे अपने किनारे
लफ़्ज़ों के खेवैया होना
इतना आसान थोड़ी ना हैl

