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Lucky Sahoo

Romance

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Lucky Sahoo

Romance

पद्म के पद्मकांत

पद्म के पद्मकांत

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चेतना के ज्ञात बिन्दु से परे है

मेरे स्वप्न पुरुष का यूं स्वप्नवत् आगमन

और कितना कठिन है उनके लिए

शब्दों का चयन

एक परिपूर्ण कविता है तू जो

धारण कर सके मेरे कालांतर की प्रतीक्षा

और विवश अश्रु l

फिर भी लिख रही हूँ कुछ इस प्रभात बेला में 

उनके लिए जो प्रतिफलित रहे उनके नेत्रों में 

मेरे कांत के पद्ममय अंतःकरण में l


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