शिव की महिमा
शिव की महिमा
शिव की महिमा देखो अपरम्पार है,
देखो आया सावन का त्योहार है,
हे नागनाथ हे चंद्रनाथ हे देवाधिदेव,
स्वीकार करो भक्ति हमारी भक्त हम तुम्हार हैं।
अद्भुत भक्ति भाव से पूर्ण प्रभु जी,
करने आये वन्दना हम,
तुम्हरे द्वार हैं।
शिव शिव जपते जपते भक्ति योग का,
हम सब मिलकर करते आज प्रचार हैं|
शिव देवों के देव हैं,
शिव ही सबके प्राण,
गुरुओं के भी गुरु हैं शिव,
शिव ही मूलाधार हैं|
शिव आत्मा के ईश्वर,
शिव ऊर्जा के मूल,
शिव ही पारब्रह्म शिव ही जीवन के सार हैं।
श्रावण माह में शिव का करते जो रुद्राभिषेक हैं,
तो इस जीवन में सबको मिलते पुण्य हज़ार हैं।