शहीद भगत सिंह
शहीद भगत सिंह


भगत सिंह माँ दिल घबराता बंद मकान में
हिंद वासी साथ न्याय करना हर इंसान में.
शेर की माँ कहा गया जब जन्मा माँ गर्भ
हो स्वतन्त्र हिन्द में तेरी पहुँच पहचान में.
तुझे जन्म देकर तेरी माँ धन्य ही होगी
अगले जन्म भी चाहेगी बनूँगी तेरी माँ में.
है चालों बना ऐसा एक गोरखधंधा बन्दे
फतह सम्वाद किला हो आज़ादी भड़के में.
फहरा हो समक्ष झंडा लेकर सा निशान में.
ज़ावाज़ सरहद मरके नाम अमर करना
एक दिन सबने मरना रहना कमान में.
इश्क “प्रेमी, कवि और पागल ही सुनाते
लोग अक्सर देशप्रेमी लाते क्रांति गान में.
“इंसानों को तो मारा ही जा सकता है,
पर उनके विचारों हस्र अमर जहाँ में.
“राख हर कण मेरी गर्मी गतिमान में
ऐसा पागल जेल में भी सुनसान में।
बहरों सुनों आवाज ले बहुत ज़ोरदार
बम गिरा उद्देश्य किसी को हानी नहीं
अंग्रेजी हुकूमत से आज़ादी था ध्यान में!