उत्सव होली आया
उत्सव होली आया
रंग बिखेरे हैं पलाश ने,
फाग बड़ा इतराया !
ऋतु ने आज भरी पिचकारी,
उत्सव होली आया !
धूम मची है गली गली में,
सभी रंग में डूबे !
कुछ हाथों में है गुलाल तो,
मस्ती के मंसूबे !
ढोल ढमाके हाथ चंग हैं,
मौसम है मदमाया !!
अधर अधर पर गीत सजे हैं,
खुशियाँ द्वारे द्वारे !
विविध रंग में डूबे सब जन,
झूमे नाचे सारे !
कहीं उदासी है छलकी तो,
उसका मन बहलाया !
कहीं भाँग है, कहीं स्वांग है,
नटखट लगते सारे !
उम्र लगे देहरी है लाँघे,
फलते सपने न्यारे !
आज कोई है नहीं पराया,
अपनापन मुसकाया !
रँगे पुते आनन हों सबके,
मिल जुल यह ठाना है !
मुखड़े के पीछे मुखड़ा है,
आँखों ने जाना है !
आज घटा है वैमनस्य तो,
जन मन है हर्षाया !