आ जाओ, देख लूँ तुम्हें इक बार कहीं इसी तमन्ना में मेरी आँखें ना मूंदें। आ जाओ, देख लूँ तुम्हें इक बार कहीं इसी तमन्ना में मेरी आँखें ना मूंदें।
मुखड़ा विश्वास का लिए पर कभी हम समझदार ना हुए। मुखड़ा विश्वास का लिए पर कभी हम समझदार ना हुए।
कैसी ये जिंदगी है ना हमारी जुदा हुए हम दोनों। कैसी ये जिंदगी है ना हमारी जुदा हुए हम दोनों।
ज़िन्दगी में आँसू बहुत है, इक खुशी की झलक ही बाकी है, ज़िन्दगी में आँसू बहुत है, इक खुशी की झलक ही बाकी है,
पाणिग्रहण की बेला, हाथों में मेहंदी साजन की रच जाती है पाणिग्रहण की बेला, हाथों में मेहंदी साजन की रच जाती है
पापा की जेब से, मां की साड़ियों के पल्लू में बंधे, सिक्के चुराने।। पापा की जेब से, मां की साड़ियों के पल्लू में बंधे, सिक्के चुराने।।