STORYMIRROR

Juhi Grover

Fantasy Inspirational

4  

Juhi Grover

Fantasy Inspirational

इन्तज़ार

इन्तज़ार

2 mins
307

आप मुझे इस कदर इन्तज़ार के बाद मिले,

मगर खुशी इतनी है

कि आये तो सही

देर से ही सही, वादा तो निभाया है,

ऐसा लगता है मानो लाखों वर्षों बाद मिले।


इन्तज़ार की घड़ियाँ जैसे थम गई, 

सामने खड़े देखा तो जैसे-

जैसे ज़िन्दगी इक सपना हो,

सपना ही तो था शायद 

मगर उस दिन तो सपना ही अपना था।

ऐसे ही कई बार 

सपने अपनों का रूप दिखाते हैं।

सपने में ही मिले

मगर मिले तो सही,

आप मुझे इस कद्र इन्तज़ार के बाद मिले।


ज़िन्दगी में आँसू बहुत है,

इक खुशी की झलक ही बाकी है,

मुस्कुराने के लिए,

हम चाहे रहें न रहें,

मगर यादें तो रहेंगी,

कि आये तो सही,

देर से ही सही, मुखड़ा तो दिखाया है,

आप मुझे इस कद्र इन्तज़ार के बाद मिले।


आप का चेहरा ही मेरी जन्नत थी शायद, 

मगर इन तन्हाइयों में आपकी यादें

कुछ ख़्वाब अनोखे दिखलाती थी,

इन ख़्वाबों का सफर कहीं थम न जाए,

ज़िन्दगी से कहीं आप का साया उठ न जाए,

ये आशियाँ मेरा बरकरार रहे,

आप न सही,

यादों ने तो अपना फर्ज़ निभाया है,

आप मुझे इस कद्र इन्तज़ार के बाद मिले।


उम्मीदें जब खत्म होने कग़ार पर थी,

दिये को लौ दिखाना खुद से बेशक बेईमानी थी,

मगर उम्मीद बाँधे रखना भी ज़रूरी है,

ये इन्तज़ार बेशक केवल इन्तज़ार है,

इसका भी अपना एक मज़ा है।

दिल की तसल्ली के लिए ही सही,

आप की सूरत को याद तो किया है,

आप मुझे इस कद्र इन्तज़ार के बाद मिले।


डर है कहीं ये घड़ियाँ छिन न जाए,

सुबह होने से पहले शाम हो न जाए, 

ज़िन्दगी पर्वत से पहले सागर के करीब हो न जाए,

मगर आप के सपने सांझ होने नहीं देते मानो

ज़िन्दगी सपनों ने उधार में ली हो,

डर चाहे हो, मगर खुशी भी है,

आप आये तो सही,

देर से ही सही, वादा तो निभाया है,

आप मुझे इस कदर इन्तज़ार के बाद मिले।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy