Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Juhi Grover

Tragedy

4.2  

Juhi Grover

Tragedy

धर्म प्रोडक्ट हो गया

धर्म प्रोडक्ट हो गया

1 min
317


प्रचार प्रसार करना पड़ रहा,

धर्म तो बस प्रोडक्ट हो गया।


मैं हिन्दु,तू मुसलमान या फिर 

मैं सिक्ख और तू इसाई,

पारसी,जैनी,बौद्ध धर्मों का

भी अब कन्सट्रक्ट हो गया।

प्रचार प्रसार करना पड़ रहा,

धर्म तो बस प्रोडक्ट हो गया।


दंगों में कौन जीता या हारा,

आग लगाई और भड़काया,

'फूट डालो और राज करो',

यही अब कन्डक्ट हो गया।

प्रचार प्रसार करना पड़ रहा,

धर्म तो बस प्रोडक्ट हो गया।

 

पैदाइश जिस धर्म में भी हुई,

बस जताना ही काम हो गया,

अर्थ क्यों जाने आखिर हम,

धर्म तो यों डिस्ट्रक्ट हो गया।

प्रचार प्रसार करना पड़ रहा,

धर्म तो बस प्रोडक्ट हो गया।


ज़रूरत क्या है जानने की,

तू बुरा,तो मैं अच्छा हो गया,

तर्क भी क्यों ही करना है,

सब को तो कैरेक्ट हो गया।

प्रचार प्रसार करना पड़ रहा,

धर्म तो बस प्रोडक्ट हो गया।


चल रही है अब यों भेड़चाल,

भारत अब हिन्दुस्तान हो गया,

क्या फर्क़ पड़ता है धर्म से,

इतिहास रिकन्सट्रक्ट हो गया।

प्रचार प्रसार करना पड़ रहा,

धर्म तो बस प्रोडक्ट हो गया।


भूल गए गीता, वेद, कुरान,

स्वार्थवश धर्म बदलना पड़ रहा,

लाभ प्राप्ति का साधन रहा,

कलयुग अब इन्सट्रक्ट हो रहा।

प्रचार प्रसार करना पड़ रहा,

धर्म तो बस प्रोडक्ट हो गया।


मत होने दो गलत प्रचार-प्रसार,

पीढ़ियों को ग्रंथों का ज्ञान दो,

मत उछालो कीचड़ किसी पर,

धर्म शिक्षा का कॉन्ट्रैक्ट हो गया।

नहीं ज़रूरत प्रचार प्रसार की,

धर्म ही धर्म अगर ऐकसैप्ट हो गया।


 प्रचार प्रसार करना पड़ रहा,

यों धर्म तो प्रोडक्ट हो गया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy