शत शत नमन श्री तुलसीदास को रामचरितमानस के रचियता। शत शत नमन श्री तुलसीदास को रामचरितमानस के रचियता।
संस्कृति हूँ, सभ्यता हूँ हर ग्रंथों का सार हूँ। मैं लज्जा की परतों में सिमटी नारी हूँ। संस्कृति हूँ, सभ्यता हूँ हर ग्रंथों का सार हूँ। मैं लज्जा की परतों में सिमटी नार...
यहाँ भेद मिटाना सिखलाते है। राष्ट्र धर्म के ग्रंथो में, कुछ पन्ने और लगाते हैं। यहाँ भेद मिटाना सिखलाते है। राष्ट्र धर्म के ग्रंथो में, कुछ पन्ने और लगाते...
स्मृति वर्ष में यही बात हम बार बार दोहराते रहे। स्मृति वर्ष में यही बात हम बार बार दोहराते रहे।
लिखना था इतिहास मुझे प्रेम ग्रंथ लिख जाता हूं लिखना था इतिहास मुझे प्रेम ग्रंथ लिख जाता हूं
जैसे ग्रन्थ आपकी कला के ही समास हैं। जैसे ग्रन्थ आपकी कला के ही समास हैं।