खुद को सभ्य दिखाते हो, सच में तो हमसे ज्यादा जंगली हो... खुद को सभ्य दिखाते हो, सच में तो हमसे ज्यादा जंगली हो...
न सत्य असत्य, न हित परहित, निज संस्कृति हम दे रहे छोड़। न सत्य असत्य, न हित परहित, निज संस्कृति हम दे रहे छोड़।
विभिन्न नामों से मैं पुकारी जाती हूँ, कभी कहीं मैं देवी रूप में पूजी जाती हूँ विभिन्न नामों से मैं पुकारी जाती हूँ, कभी कहीं मैं देवी रूप में पूजी जाती ...
नदियों से ही जीवन उपजा इनका दिल से धन्यवाद करें..। नदियों से ही जीवन उपजा इनका दिल से धन्यवाद करें..।
शिवम कहने को रिश्ते न कोई अब प्यार रहे। शिवम कहने को रिश्ते न कोई अब प्यार रहे।
हृदय में क्षोभ, अधर मुस्कान, लोकाचार की यही पहचान। सुख में शामिल ना हो पाए हृदय में क्षोभ, अधर मुस्कान, लोकाचार की यही पहचान। सुख में शामिल ना हो पाए