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Sonam Kewat

Tragedy

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Sonam Kewat

Tragedy

एक हमसफर रखो जो

एक हमसफर रखो जो

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एक हमसफर होना चाहिए जो 

अनकही बातों को समझ सके सुन सके 

वरना जिंदगी गुजर जाती है 

किसी गुमनाम के इंतजार में 

खुद को पाकर भी तलाश करना सीखो 

वरना खुद को खोना पड़ता है प्यार में 


मेरी कही हुई बातें समझ नहीं आती 

और कहने को कहते हो कि 

तुम कुछ मत कहो हम सब समझते हैं 

अब तुम मेरी समझ से बाहर हो

फिर भी हम तुम्हें कुछ नहीं कहते हैं 


चलो माना वक्त के साथ चीजें बदलतीं हैं 

शायद रिश्तों में कड़वाहट भी आ जाता है 

कम से कम साथ तो चलो फिर देखो 

कैसे उन रिश्तों में राहत भी आता है 


एक हमसफर के साथ दुनिया से 

लड़ने का हौसला था पर सब खो रही हूं 

जिन आंखों में तुम्हारे प्यार का ख्वाब था 

अब उन्हें आंसुओं से धो रही हूं


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