प्रेम विरह का
प्रेम विरह का
प्यार तो किए थे मानो बेइंतहा मोहब्बत।१
कसमें वादे, प्यार मुहब्बत की बातें,
मिलने के आस लिए सपने संजोए थे।२
सात जन्म क्या, जितने जन्म लेंगे,
दोनों साथ आएंगे,साथ जाएंगे।३
एक जन्म के रुठना,मनाना नहीं हो पाया तुम से।४
तुम तो काला दिल वाला भंवरा ठहरे।५
एक फूल से रस पीकर उसको रंग हीन,
वे स्वाद समझ लिया।६
हर पतझड़ तुम्हारे लिए बसन्त बहार लाया।७
फूलों में दूसरी, तीसरी, चौथी
गिनती शुरू कर दिया।८
हर एक बसन्त ,एक नया पुष्प वाटिका।९
मैं तो भूल गई थी मैं हूं पुराने मधुशाला की
तुम्हारे जूठी मदिरा।१०
मेरे घर का रास्ता तुम्हें पड़ जाता है लम्बा।११
कभी न छोड़ने का वादा,
आज मुंह तक न देखने का इरादा।१२
मेरे हर एक सांस में आप हो।१३
वो पल, वो बीता तन्हाई में आपका आगोश
ना जीने देता है ना मरने के लिए छोड़ ता है।१४
