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Amita Dash

Abstract Tragedy Inspirational

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Amita Dash

Abstract Tragedy Inspirational

गाथा

गाथा

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काल्पनिक नहीं सच्चाई की जीती जागती उदाहरण है ये कहानी।१

बहुत साल पहले एक देहाती समाज में पैदा हुईं एक लड़की थी 'रेवती' २

 किताब में कहानी बनके सबको रुला गई।३

पापा, मम्मी के थी लाडली रानी।४

उस जमाने की कहानी जब इजाजत नहीं थी लड़कियों के पढ़ाई-लिखाई।५

हाथ गिनती स्कूल खोले थे लड़कों के खातिर।६

कुशिक्षा कुसंस्कार रहते हुए घर से बाहर निकलना लड़कियों के लिए आसान नहीं थी।७

पापा के आग्रह पर ‌'रेवती' घर में रहकर पढ़ती थी।८

एक साल जैसे तैसे गुज़र गया था उसकी पढ़ाई।९

'काल' बनकर उनके घर आया हैजा महामारी।१०

पापा मम्मी, रेवती' को पढ़ाने वाले बासु भैया सब भगवान को प्यारे हो गए।१२

घर में रह गए दादी और पोती।१३

रोज़ सुबह से शाम तक दादी ताना मारती थी।१४

कुलक्षिणी तेरे आग चूल्हा पढ़ाई सबको खा गई।१५

 अखाद्य, दूषित पानी और शौचालय से आने के बाद मिट्टी से ‌हाथ साफ करना महामारी को आमंत्रण देना

कोई ये सोचा नहीं।१६

ओडिआ साहित्य के व्यास कवि फ़कीर मोहन सेनापति जी के 'रेवती' मिशाल बनकर रह गई।१७


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