दूसरी दुनिया की एलियन
दूसरी दुनिया की एलियन
छोटे थे,तब मन में कई सवाल उठता था आकाश, ग्रह, तारें ये सब कितना सुंदर। हमारे जैसे ऊपर लोग होंगे। उधर गाड़ी, बिजली बल्व सब कुछ होगा।खेलने के लिए बरगद के पेड़ ? क्या क्या सवाल?सवालों के साथ हम बड़े हुए। कभी स्काई लैब का गिरना, धूमकेतु के पृथ्वी के नज़दीक आना ये सब डराबना कहानी जैसे लगता था।सब मर जाएंगे। हमारे क्या होगा।हम बड़े होने से पहले मर जाएंगे। परियों की कहानी, देवी देवताओं के कहानी बहुत सुनते थे।मन चाहता था स्वर्ग से कौन आए हमें स्वर्ग की सैर कराके लाए। मां कहती थी पूर्णिमा के दिन परियां, एलियन सब पृथ्वी पर आते हैं। हमें ढेर सारे उपहार देते हैं।समय के साथ हम भी बड़े हुए। मेरी शादी हो गई।दो बच्चों की अम्मा हो गई।ये परियों वाली कहानी दिमाग से उतर गई।एक दिन न्यूज़ में दिखा रहा था कि एक इलाका में अलग जैसा दिखने वाले छोटे-छोटे बच्चे जैसे कोई घूम रहे थे। मिडिया वाले उन के पास जा पाते वो कहां गायब हो गए।एक बार उल्लू जैसे मुंह वाले छोटे कदवाले लोगों को दिखाई दिए। हैरानी की बात। फिर भी सुनने में अच्छा लगता है।एक क्षण मन में आता है प्रश्न कहीं कोई अलग ग्रह पर हमारे जैसे जीव जगत होगा।शायद ये सब मन में था।रात को सपना देखा एक सुंदर सी कहानियों के परी जैसी मेरे सपने में आई।वो मेरे बेटे को साथ ले जा रही है। मैं उनके पीछे भागती हुई जा रही हूं। एक अंधेरी कुआं जैसे दिखाई दिया।दोनों अन्दर घुस गए।मैं जा ही नहीं पाई। वहीं रुक गई रोती बिलखती हुई।वो कह रही थी तुम्हारी बेटा इस दुनिया के नहीं हैं।हम दोनों खेल रहे थे ।उसका हाथ मेरे हाथ से छूट गया।वो धरती पर आ गिरा।तब से ढुढते ढुढते आज मुझे मिला
मैं उसे साथ लेकर जाउंगी।आप हमारे दुनिया के प्रकाश में नहीं रह पाओगे।आप अपने बेटे को तारा के रुप में देखोगी।आज से वो आप को तारा के रुप में नजर आएगा।सपनों में वो दोनों मेरे से ओझल होते जा रहे थे। मैं नींद में चिल्ला रही थी।जोर से रो रही थी।
वायु मंडल में धुआं ही धुआं नजर आ रहा था। मेरी नींद टूट गई।घबराहट से पसीना पसीना हो रही थी।मन बैचेन था। सपना देखने के आठ दिन बाद मेरा बेटा दुर्घटना में चल बसा। क्या वो सच में कोई एलियन थी।दूसरी दुनिया में रहनेवाली
मेरे बेटे का मेरे से ज्यादा अपना कोई। मेरे बेटे को मुझसे छीन के ले गई। मुझे तड़पने के लिए छोड़ दी।