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Amita Dash

Tragedy Inspirational Children

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Amita Dash

Tragedy Inspirational Children

वतन के खातिर

वतन के खातिर

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मेरे कोख में तु आया।

लेकिन भारत माता के खातिर शहीद हुआ।

बचपन से बोलता था सेना में जाना।

देशसेवा में अपना जिंदगी न्यौछावर कर दिया।ू

पीछे मुड़कर देखा भी नहीं हमारा क्या होगा ?

बुड्ढी मां, जवान विधवा पत्नी,

छोटे छोटे बच्चे कैसे होगा उनका गुज़ारा।

वीर जवान अमर रहे,

जय हिन्द, वन्देमातरम् के नारेबाजी आसमां छू रहा था।


तु मेरा बेटा नहीं था।

मैं तेरी अम्मा नहीं थी।

तु भारत माता की वीर सुपुत्र था।

मैं देश के दिवंगत

वीर जवान को श्रद्धांजलि दे रही थी।

देश हमें स्वातंना दे रहा था।


हम अपने को तसल्ली दे रहे थे,

हम भाग्यशाली हमारे घर का

सदस्य देश के खातिर कुर्बानी दिया।


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