तलाश
तलाश
तुम कहाँ हो,तुम्हें एक नजर ढूढ़ती है,
यह पथ ढूूूढ़ती है,विपथ ढूढ़ती है।
ये हर आनेे बाले से,
तुम्हारा पता पूछती है।
तुम कहाँ हो,तुम्हें एक नजर ढूंढती है।
ये वन ढूूूढ़ती है,
हर पात पर देखती है।
फिर शाख पर कूँँजती कोयल से
तुम्हारा पता पूछती है।
तुम कहाँ हो, तुम्हें एक नजर ढूढ़ती है।
ये पर्वतो पर घूमती है,
वीहड़ो मेंं ढूढती है।
फिर निरन्तर बहते झरनों से,
तुम्हारा पता पूछती है।
तुम कहाँ हो तुम्हें एक नजर ढूढ़ती है।
जंगलों मेंं भटकती है,
श्रमिकों में देखती है।
फिर पत्थर तोडती एक बाला से,
तुम्हारा पता पूछती है।
तुम कहाँ तुम्हें एक नजर ढूढ़ती है।
ये जंमी पर भटकती है,
आँसमा को देखती है।
फिर उगते हुए तारों से,
तुम्हारा पता पूँँछती है।
तुम कहाँ हो तुुम्हें एक नजर ढूूंढ़ती है।
ये रात मेंं भटकती है,
स्वपन मेंं तड़पती है।
फिर जाती हुुुई निशा से,
तुम्हारा पता पूँँछती है।
तुम कहाँ हो तुम्हें एक नजर ढूंढती है।
ये दिल में तडपती है,
यादों मेंं ढूढ़ती है।
फिर बहते हुए आँँसू से,
तुम्हारा पता पूछती है।
तुम कहाँ हो, तुम्हें एक नजर ढूढ़ती है।