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Manjul Singh

Tragedy

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Manjul Singh

Tragedy

रंडी

रंडी

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ईश्वर ने तुम्हे

प्रकृति की नज़र से

बचाने के लिए

दिया ठोड़ी पर काले

तिल का डिठौना,

और दो काली आँखें

तुम्हारे प्रेमी ने

समाज की नज़र से

तुम्हे बचाने के लिए

दी काली गाली-

रंडी थी साली


रंडी चौराहे पर लगी

कोई साफ़ सुथरी मूरत नहीं

और न ही

किसी कोठे पर लेटी

तुम्हारे फारिक होने के इंतज़ार में,


रंडी कोई भी हो सकती है

रंडी तुम्हारी माँ भी हो सकती है

तुम्हारे बाप की गाली में

तुम्हारी बहन भी रंडी हो सकती है

प्रेमी के साथ बिस्तर में होने के बाद

जैसे तुम्हारी प्रेमिका हो गयी थी

तुम्हारे साथ के बाद

रंडी तुम्हारी पत्नी भी हो सकती है

एक दिन खाने में नमक ज्यादा होने पर

रंडी तुम्हारी बेटी भी हो सकती है?

जैसे सारी रंडिया होती आयी हैं !



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