एक था बूढ़ा
एक था बूढ़ा
एक था बूढ़ा
एक थी बूढ़िया
उम्र के इस पड़ाव पर डरते थे दोनों
क्या पत्ता कब एक दूसरे से हो जाए अलग
बूढ़ा कहता था बुढ़िया को पहले उठाले भगवान
ये दुनिया बड़ा जालिम
अकेली थी नहीं पाएगी एक बूढ़ी औरत
बूढ़ी कहती थी पहले मैं चली गई तो
तुम्हारा कौन करेगा देखभाल
हठी हो तुम बहुत
मेरे जाने के बाद कौन करेगा पान मसाला तैयार
दिन भर में खाते हो तीस खंड पान
मेरे पान के पीछे पड़ी है
तू जो रोज पीती है पच्चीस कप चाय
चलो नाराजगी छोड़ो
कोई किसी के पीछे न पड़े
हाथ पैर चलते ही भगवान दोनों को
संसार से एक साथ उठाले।