STORYMIRROR

Raghu Deshpande

Tragedy

4  

Raghu Deshpande

Tragedy

ये कहां आ गयें हम...!!

ये कहां आ गयें हम...!!

1 min
170


अब कहां होती है

महफिल दोस्तों की चौराहे पर,

हर कोई अकेले में

अपने अपने गम के साथ

गुमसुम सा है....

कौन कहता है

खुल के दिल की बात

भरोसे से

हर नजर शक से

हर लफ्ज़ फूंक के

बोलता है...

सुना है कम होता है

दुःख बांटने से

अपनो में,

अपनो के मायने

कुछ खयालात

बदले हैं....

सिकुड सी गयी है

दुनिया खुद में

इंटरनेट से,

अजनबीं दिल में

और पडोसी

बेगाने हुए हैं...



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy