बेगाना शहर
बेगाना शहर
तुमको कोई शौख नहीं है सुनने का
फिर भी हम हर बात बताते फिरते हैं
पता नहीं बेगानों मे क्यों अपना ढूंढ़ते फिरते हैं
दोस मेरा नहीं तेरे इस शहर का है
लोग अपने दिखते है लेकिन
हर वोह बात की गोसिप करते फिरते हैं।
अच्छा तो अपना गाओं ही था
लोग कम चालक है लेकिन
साथ देते फिरते हैं।
