Antariksha Saha
Children Stories Classics Inspirational
निकले थे हम अपनों से दूर पर अपने कभी दिल से नहीं निकले सोचा था घर छोड़ देंगे पर घर कभी दिल से नहीं निकला दूर कही भी बस जाऊ पर लोग कभी भुलाए नहीं भूलते
ख़ामोशी
मजदूर
झूठी मुस्कान
लक्ष्य
फ़ोन नंबर
मीठी चासनी
घर
angrayian
बंधा है किसने...
मै क्या तुम क...