बंधा है किसने तुझे
बंधा है किसने तुझे
बंधा है किसने तुझे
आगे है तेरा मोड़
उड़ जा तू उस ओर पंछी
जहाँ पिया मिलन की डोर
मुकाम तेरा आसमान है
दे पंखों को जोड़
हौसला रख बुलंद पगले
पीछे रख दुनिया की सोच
रब ने कहाँ तेरा हाथ छोड़ा है
लगा दहाढ़ उस ओर
कितने भी लोग कह ले
विश्वास रख
तुझे कोई ना पाए रोक
आज तेरा ना हुआ तोह क्या
आने वाले हर मोड़ पर आघास
तपता है वही जिसकी भक्ति
है वह ही
सहता है जिसकी शक्ति
है वह ही
बंधा है किसने तुझे
आगे है तेरा मोड़
उड़ जा तू उस ओर पंछी
जहाँ पिया मिलन की डोर
