इस तरह तो
इस तरह तो
इस तरह तो जिदंगी
जरूर कट जाऐगी
मगर ना रहेगा एहसास
कितने दूर ये जाऐगी
इस तरह तो बैठे रहेंगे
धरे हाथ पर हाथ
जिदंगी मे फिर ना रहेगी
कोई नयी बात
इस तरह तो दिन
आकर रोज ही डुबेगा
मगर कोई भी नहीं
सुबह सुबह भागेगा
इस तरह तो जिदंगी
हो जाऐगी स्लोमोशन
हर कोई भूल जाऐगा
अपना प्रोफेशन।