STORYMIRROR

Antariksha Saha

Romance Tragedy Classics

4  

Antariksha Saha

Romance Tragedy Classics

मीठी चासनी

मीठी चासनी

1 min
16

तेरी याद मीठी चासनी सी
घुली जा रही
जिसकी मिठास आज
भी भूली नहीं जा रही

आज भी तू है
बंद उस पुरानी डायरी मे
वह फूल आज भी
पन्नों मे कही मुकाम ढूंढे जा रही

मेरी शायरी मे आज भी
रहा तू
सपनो यादो मे उस दुनिया मे
आज भी रहा तू

पर तू आता नहीं
सपनो से जाता नहीं
मिल जाए क्या वह बात थी
अधूरी सी वह रात थी

लापता इस दिल का क्या करु
लापता इस नींद का क्या करु
अश्क नहीं याद नहीं
पर इस सच को
कैसे झूठलाऊ


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance