मीठी चासनी
मीठी चासनी
तेरी याद मीठी चासनी सी
घुली जा रही
जिसकी मिठास आज
भी भूली नहीं जा रही
आज भी तू है
बंद उस पुरानी डायरी मे
वह फूल आज भी
पन्नों मे कही मुकाम ढूंढे जा रही
मेरी शायरी मे आज भी
रहा तू
सपनो यादो मे उस दुनिया मे
आज भी रहा तू
पर तू आता नहीं
सपनो से जाता नहीं
मिल जाए क्या वह बात थी
अधूरी सी वह रात थी
लापता इस दिल का क्या करु
लापता इस नींद का क्या करु
अश्क नहीं याद नहीं
पर इस सच को
कैसे झूठलाऊ

