दिनेश तिवारी(भोजपुरिया)
Action
अगर तुमको सचमुच
ही पानी है
संयम की परिभाषा
तो बोलनी होगी
नारी के संग
नारीकी समझ की
भाषा
तुम पुरुष हो तो
यह मत भूलो कि
विश्वामित्र भी पुरुष थे
मेनका ने तोड़ी थी
उनकी मौन भाषा
यह एक तपस्या ही है
कि तुम्हारे सामने प्रकृति
रहे
और तुम पुरुष न रहो।
एकता
बाढ़ में
संयम
सफर
भीड़
हृदय
जीवन संघर्ष
जंगल
मजदूर !
चलने दो हमें शूल के राहों में अकेला। अरे तू क्यों रही है पगली, छोड़ दे हमें इन्हीं पथ चलने दो हमें शूल के राहों में अकेला। अरे तू क्यों रही है पगली, छोड़ दे हमें इ...
दर्द सबके एक जैसे होते हैं मगर, उम्मीदें सबकी अलग हो सकती है l दर्द सबके एक जैसे होते हैं मगर, उम्मीदें सबकी अलग हो सकती है l
कान्हा तो अपनी हरकतों से बाज न आयें.. कान्हा तो अपनी हरकतों से बाज न आयें..
पार्वती प्रिय हे भोले भंडारी मस्तक गंगा धारी। पार्वती प्रिय हे भोले भंडारी मस्तक गंगा धारी।
जब पहली बार आया तो जाते-जाते समझाया, बार-बार नहीं करोगे लापरवाही तो दूंगा मौका। जब पहली बार आया तो जाते-जाते समझाया, बार-बार नहीं करोगे लापरवाही तो दूंगा मौक...
कोरोना फैल रहा है, तेजी से शहर और गांव में कोरोना फैल रहा है, तेजी से शहर और गांव में
बीच डगर से! जिधर जाऊं उधर फड़फड़ाया। बीच डगर से! जिधर जाऊं उधर फड़फड़ाया।
आज जो है वो कल हो न हो, वक़्त के साथ अंदाज बदलते रहते हैं l आज जो है वो कल हो न हो, वक़्त के साथ अंदाज बदलते रहते हैं l
जरा नज़रिया बदल के तो देखो टूटा शीशा ही ज्यादा चमकता है। जरा नज़रिया बदल के तो देखो टूटा शीशा ही ज्यादा चमकता है।
पीछे जब हो जाओगे इंतजार करते करते। तुम्हें कोई सहारा देने नहीं आयेगा इन्हीं राह में। पीछे जब हो जाओगे इंतजार करते करते। तुम्हें कोई सहारा देने नहीं आयेगा इन्हीं र...
बीत गया सो बीत गया उसका कोई अफ़सोस नहीं, बीत गया सो बीत गया उसका कोई अफ़सोस नहीं,
बुलंद हौसले के साथ आगे बढ़ो दो दो हाथ करो। बुलंद हौसले के साथ आगे बढ़ो दो दो हाथ करो।
देखा बॉस का केबिन खाली है और हर कर्मचारी पूरे ऑफिस को सेनिटाइज करने में लगा है देखा बॉस का केबिन खाली है और हर कर्मचारी पूरे ऑफिस को सेनिटाइज करने में...
लगता है, भगवान ने डॉक्टरो में अपनी जान बसाई है। लगता है, भगवान ने डॉक्टरो में अपनी जान बसाई है।
जीवन कुछ नहीं है पर एक शुभ अवसर अवश्य देगा, जीवन कुछ नहीं है पर एक शुभ अवसर अवश्य देगा,
टोका गया तो बात हवा में उड़ाई कहा ,"ये करोना कुछ नहीं है भाई।" टोका गया तो बात हवा में उड़ाई कहा ,"ये करोना कुछ नहीं है भाई।"
मां हो गई थी मैं और सामने थी सृष्टि कि श्रेष्ठ संरचना हमारी मां हो गई थी मैं और सामने थी सृष्टि कि श्रेष्ठ संरचना हमारी
बैठ जाता कलेजा उसकी आहें सुनकर प्रताड़ित हुई नारी, कभी दहेज ,तो कभी बलात्कार पर बैठ जाता कलेजा उसकी आहें सुनकर प्रताड़ित हुई नारी, कभी दहेज ,तो कभी बलात्कार...
आज घट रहे इस ऑक्सीजन के लिए, डॉक्टर अकेले कैसे जिम्मेदार है? ( आज घट रहे इस ऑक्सीजन के लिए, डॉक्टर अकेले कैसे जिम्मेदार है? (
सबसे ज़्यादा ये समय इंसान के लिए, एक जटिल कठिन इम्तिहान ही होता। सबसे ज़्यादा ये समय इंसान के लिए, एक जटिल कठिन इम्तिहान ही होता।