पेशे से पत्रकार ,सामाजिक कार्यकर्ता !😊
कोई मुसलमान कभी मन्दिर नहीं मुड़ा और न ही कोई हिन्दू मस्जिद। कोई मुसलमान कभी मन्दिर नहीं मुड़ा और न ही कोई हिन्दू मस्जिद।
नदी अपने कटाव से गांव काटती चली गयी शेष कल के अखबार में। नदी अपने कटाव से गांव काटती चली गयी शेष कल के अखबार में।
कि तुम्हारे सामने प्रकृति रहे और तुम पुरुष न रहो। कि तुम्हारे सामने प्रकृति रहे और तुम पुरुष न रहो।
कलाकार वही है जो आह वाह कर सके मंज़िल पर आकर कलाकार वही है जो आह वाह कर सके मंज़िल पर आकर
तुम्हारी इच्छा का राजा तुम को उनके लिए बना सके तुम्हारी इच्छा का राजा तुम को उनके लिए बना सके
प्रार्थना है सिर्फ हृदय को मेरे लिये छोड़ दो। प्रार्थना है सिर्फ हृदय को मेरे लिये छोड़ दो।
जीवन संघर्ष जारी है सदियों से। जीवन संघर्ष जारी है सदियों से।
बस यहां शिकार का अंतर है वहां शेर आदमी को खाता है, यहां आदमी को आदमी।। बस यहां शिकार का अंतर है वहां शेर आदमी को खाता है, यहां आदमी को आदमी।...
उसको कितना जोर से बोलना चाहिये अपने श्रम की कीमत के लिए उसको कितना जोर से बोलना चाहिये अपने श्रम की कीमत के लिए