Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

दिनेश तिवारी(भोजपुरिया)

Tragedy

4  

दिनेश तिवारी(भोजपुरिया)

Tragedy

बाढ़ में

बाढ़ में

1 min
35


मैंने देखा है 

बाढ़ में

एक ही लट्ठे पर बहते

कुत्ते बिल्ली और सांप को

बचाती डूबती हांफती मां

अपने बच्चों को

मवेशियों की पूंछ पकड़े


बहते किसानों को

और देखा है

कीचड़ में पड़े सड़े

अनाज के दानों को

धसती इमारत की नींव

के अंदर ऐंठी लाशों को


ऊपर मंडराते चील और गिद्धों को

लेकिन सबसे आश्चर्य हुआ 

उसे देख 

जो सबसे परे था

वह उस भीड़ का अकेला आदमी था


जो बांट रहा था राहत सामग्री

देख रहा था बड़े गौर से और गर्व से भी

बाढ़ पीड़ितों को नही

बल्कि

पत्रकारों के कैमरों को

उसे जल्दी थी

चेहरे पर शिकन थी

उसका आज का कही और

का निर्धारित कार्यक्रम था


एक  

स्विमिंग पुल का उदघाटन करना था

सोच रहा था

कहाँ फंस गया बाढ़ में......

उसके साथ आयी भीड़ चली गयी


नदी अपने कटाव से गांव काटती चली गयी

शेष कल के अखबार में।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy