किसी पर खुद से ज़्यादा भरोसा सबसे बड़ी तबाही की शुरुआत है। किसी पर खुद से ज़्यादा भरोसा सबसे बड़ी तबाही की शुरुआत है।
जुदाई इश्क़ की तक़दीर ही सही ग़म-ख़्वार मगर न जाने वहाँ उन का हाल क्या होगा जुदाई इश्क़ की तक़दीर ही सही ग़म-ख़्वार मगर न जाने वहाँ उन का हाल क्या होगा
तबाही के इस मंजर का मेरा देश हकदार न होता। तबाही के इस मंजर का मेरा देश हकदार न होता।
वह मुसाफ़िर हर वक्त एक रास्ता बदल गया ! वह मुसाफ़िर हर वक्त एक रास्ता बदल गया !
सूखा, मलेरिया और बाढ़ की तबाही, कैसी कैसी हैं आफ़तें इंसान के साथ। सूखा, मलेरिया और बाढ़ की तबाही, कैसी कैसी हैं आफ़तें इंसान के साथ।
नदी अपने कटाव से गांव काटती चली गयी शेष कल के अखबार में। नदी अपने कटाव से गांव काटती चली गयी शेष कल के अखबार में।