चाहे जुबां से कुछ न कहो ए मेरे सनम । फ़िल्म :- दिल है तुम्हारा
चाहे जुबां से कुछ न कहो ए मेरे सनम । फ़िल्म :- दिल है तुम्हारा
बस आज की ही बात नहीं है, सारी उमर का है ग़म।
हंसने को हुए हैं जब भी कभी, तभी आँखें हुईं है नम।
दिल में हमारे ग़म है क्यूँ, इतना तो सोचिए।
आँखें हमारी नम हैं क्यूँ, इतना तो पूछिये।
क्या-क्या हुआ, कैसे हुआ, कितने सहें हैं सितम।
हंसने को हुए हैं जब भी कभी, तभी आँखें हुईं है नम।
बस आज की ही बात नहीं है ....
कोई फसाना मुझको अब, सच्चा न लगे।
तन्हा जीना मुझको अब, अच्छा न लगे।
अटकी हुई हैं जाँ अब तलक, जाने कब निकले ये दम।
हंसने को हुए हैं जब भी कभी, तभी आँखें हुईं है नम।
बस आज की ही बात नहीं है ....
रोशनी मेरी ज़िन्दगी की, काली रात खा गई।
बातें जो भूल चुके थे हम, सारी याद आ गई।
फिर से हरे होने लगे सारे पुराने ज़ख़म।
हंसने को हुए हैं जब भी कभी, तभी आँखें हुईं है नम।
बस आज की ही बात नहीं है ....
