"जीवन के दिन छोटे सही, हम भी बड़े दिलवाले "
"जीवन के दिन छोटे सही, हम भी बड़े दिलवाले "
जीवन के दिन छोटे सही, हम भी बड़े दिलवाले।
कल की हमें फ़ुर्सत कहाँ, सोचे जो हम मतवाले ।
जब ग़म के बादल हो छाएं, मन में हो भारी निराशा।
तब भी लिखता चल तू यूँ ही, आशा की नई परिभाषा।
ज़ख़्म मिले चाहे तुझे, पांवों में पड़ जाए छाले।
तय ये सफ़र करना ही है, अंधियारे हो या उजाले।
जीवन के दिन ........
जीवन तो इक रागिनी है, आओ इसे गुनगुनाएँ।
मैं तुझको अपनी बताऊँ, तू मुझको अपनी सुनाए।
तू लड़खड़ाए तो मैं थाम लूँ, जो मैं गिरूं तू सम्हाले।
आ मिल के पूरे कर ले सभी, जो ख़्वाब हमने हैं पाले ।
जीवन के दिन ......
गीतकार :- सूर्यकुमार बावनकर "निदान "
