साल 2020 की यादे ( कोरोना समय )
साल 2020 की यादे ( कोरोना समय )
जो भी था, जैसा भी था..
वो साल भी तो अपना ही था
सुख मिला या दुःख मिला,
आखिर जिन्दगी के सिक्के का
दो पहलू ही था !
जो भी था, जैसा भी था..
आखिर जिन्दगी का अहम हिस्सा था
दूर हुए या पास हुए,
वो कालचक्र का किस्सा था !
जो भी था, जैसा भी था..
सालों में वो साल उत्कर्ष था,
पंछियों को आकाश, नदियों को साफ पानी
वो वर्ष वर्ष ही नहीं प्रकृति का परामर्श भी था !
जो भी था, जैसा भी था..
वो साल भी तो अपना ही था !