।। दूरी ।
।। दूरी ।
इस दूरी की वजह किसको ठहराऊँ मैं,
अपने दिल को तेरे बिना जीना कैसे सिखाऊं मैं,
यार तुमने तो खत्म कर दिया था सब,
फिर आज भी क्यों हमारी मोहब्बत तुम्हारे लिए बेपनाह है,
सुनो तुम्हारा मेरे पास कुछ छूट गया है क्या,
जो हर पल मुझे तुम्हारा एहसास कराता है,
कुछ ख्याल तुम्हारे लगता है दिल के कोने में कहीं रह गया है,
तभी तो तुम्हारे ख्याल के अलावा
कोई और ख्याल ना दिल को भाता है,
तुमने कितनी आसानी से सब खत्म कर दिया,
पर यार हम तो आज भी तुम्हारे तोहफों को
खत्म करने की हिम्मत न जुटा पाए,
यार मैं ये नहीं कह रही कि वापस आ जाओ तुम,
पर ऐसे रोज-रोज मेरे ख्वाबों में आना भी तो ठीक नहीं,
मैं ये भी नहीं कह रही कि मेरी खुशियां मुझे लौटा दो,
पर यार ऐसे रोज रोज मुझे रुलाना भी तो ठीक नहीं,
माना कि तुमने मेरी यादों पर परदा डाल दिया,
पर यार हमसे तो ये भी ना हुआ,
चलो मान लिया तुमने सब भुला दिया,
पर यार वो वैलेंटाइन के दिन आंखों की मुलाकात
और उनकी प्यारी सी गुफ्तगू वो कैसे भुला दिया तुमने,
इस दूरी की वजह किसको ठहराऊं मैं।