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sarika k Aiwale

Romance Tragedy Others

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sarika k Aiwale

Romance Tragedy Others

अजनबी सी

अजनबी सी

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वो राह जरा घिरी घिरी

बहक रही बेवफा फिजा भी

ना देख मुड़ के अजनबी सी

जिन्दा हुयी है लाशें बहार की

भूली बिसरी सी यादें अनकही

पल दो पल झुलसे बेवजह सी

कहानी


जो लिखी अश्क ने अश्क की

इश्क की ल्फ्जें बयाँ क्यूं कहलाई

मुड़ के देखा जो हमने जिंदगी

जहां अपना बसेरा कहीं नहीं

निगाह में गिला की महक थी

और फिजा ने यादें भी ठुकरा दी 

मिली जो अपना के राहे बहार की

सपने जहां भी धुंधला सा हंसे

चाह के भी तेरी तरह ये दिल

यूं ही लगे जीना अब नसीब नहीं... 


चल पुरानी वो मोड़ पे मिल आये

याद की वो कहानी वही छोड़ आये

छूटी कोई जिंदगी की साँस जी ले

वापस जिंदगी में कहीं वही मोड़ आये 

वो राह जरा घिरी घिरी

बहक रही बेवफा फिजा भी

ना मुड़ के देख अजनबी सी

जिन्दा हुयी है लाशें बहार की



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