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sarika k Aiwale

Romance Tragedy Inspirational

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sarika k Aiwale

Romance Tragedy Inspirational

शायरी

शायरी

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बीती हर वादी को गले लगा लेते हो 

बीती पल मैं जिंदगी जी लिया करते हो 

बिना किसी वजह जो मिली सजा से पुछो 

बिना कुछ कहे वो कैसे मुस्कुरा लेती हो 


ना जाने किस जख्म का इलाजे रहम करती हो 

हर गुजरी फिजा मैं की यादे संजोये रखते हो 

बस इतनी गल है 

बीती हर गली से वास्ता क्यो पूछते हो 

गुजरी वह राह से इनायते तोबा कर लिया जो 

फिर उन्ही आहटों से अस्क का वजुद क्यो पूछते हो 


अपनी थी वो गालियाँ छूट चली

हथेली से नसीब की रेखा मिट चली 

कुछ कहने से क्या रुक जाती वह 

एक बार जिंदगी जो नसीब से रुठ चली।


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