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sarika k Aiwale

Romance Tragedy

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sarika k Aiwale

Romance Tragedy

दर्द न मिले किसी को...

दर्द न मिले किसी को...

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दर्द की राह न मिले किसी को

वो एहसास की आह न मिले किसको 

जिस पल को तरसा यह दिल मेरा 

उस पल की प्यास न मिले किसी को


बिखर चाली जो राह ए जिन्दगी 

वो बिखरे दिल की कसक ना मिले किसी को

चंद पल महक खिली यूँ जो जेहन में

उस महक की चाह ना मिले किसी को


खयाल भी जिंदगी दे कभी कभी 

ऐसी तनहाई दास्ताँ ना मिले किसी को

मुंदे पलकों में सजती एक लकीर सी 

जलती बुझती वो आस ना मिले किसी को


बड़ा तड़पती है यह शाम कभी कभी 

वो राहत की बात न मिली कभी भी 

जल रहा जो चांद दिल ही दिल में

कहीं उसके दिल की आह न मिले किसी को



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