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sarika k Aiwale

Romance Tragedy Inspirational

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sarika k Aiwale

Romance Tragedy Inspirational

लुभवना ..सा....

लुभवना ..सा....

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वो किनारा लुभा गया दिल को 

हमे न जिंदगी फिर रास आयी 

न बंदगी लूभा पायी दिल को 

बाहर की वो ओस की बुंद थी 

न गिरके संभल पायी झील को


यू ही लहरोँसी छू गयी दिल को 

भिगी पल की वो प्यास न भायी 

न ही गहरायी लूभा पायी दिल को 

मिली जो कल राहत भी वजह थी

आज वही आह रूला गयी झिल को 


बिखरी वो राहे भुला गयी दिल को

सपनोंकी दुनिया मै कही खो गयी

पलकों में रहके भुल गयी दिल को 

साथ में होकार अजनबी सी राह थी

जिंदगी मिलके बिसर चली भूल को।


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