मौत की बेवफ़ाई
मौत की बेवफ़ाई
आज मौत आई थी हमसे मिलने
हमने सोचा ज़िन्दगी तो
बेवफ़ाई कर ही रही है
कोई तो है जो हमारा साथ दे रहा है
मगर ये क्या हुआ
मौत ने तो और भी ज्यादा रुसवा किया
उसने भी जफाई दिखलाई
और आहिस्ता-आहिस्ता बीच राह में
मायूस ज़िन्दगी के सहारे छोड़ गई
यक़ीन मानिए ऐसा लगता था कि
आज ज़िन्दगी खत्म हो जाएगी
लेकिन मेरे हमनुमा आपके
प्यार के रहते ऐसा न हुआ
ऐसा लगता था कि आज मौत
जुदा कर देगी हम दोनों को
लेकिन मेरे हमसफ़र आपके
इन्तज़ार के रहते ऐसा न हुआ।