इंतजार
इंतजार
आज फिर एक
खबर यूं आई है
किसी के दर से
दर्द की बू आई है
जाना जिन्हें था दूर मंजूर
एक आह ! लफ्ज़ गुनगुनाई है
मौका मिलेगा साकी तुझे भी
बेवक्त ....... किसे आज तक आई है
यादों के काफिले ही तो
तेरी दर्द की दवाई है
यूँ आएंगे वो इस कदर
जिनके गम में
ये दर्द पाई है।
