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Juhi Grover

Tragedy

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Juhi Grover

Tragedy

शंखनाद

शंखनाद

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दुर्गा माँ की पूजा का शंखनाद

दर्शाता है लोगों के सामने उसकी आस्था, 

बड़ाई होती है उस व्यक्ति की जगह जगह।

मग़र वही व्यक्ति जब पर्दे के पीछे जो करता है, 

उस मौन नाद की चीखें सुनने की 

चेष्टा भी नहीं की जाती,

उसका समाज में रुतबा है, ख्याति है, 

या फिर भय है, डर है, 

हमारी बेटियाँ शिकार न बन जाएँ।


क्या कहें समाज के इस खोखलेपन को, 

इस दोगलेपन को, 

जहाँ मौन नाद की चीखें तेज़ हैं, 

फिर भी शंखनाद के स्पन्दन के सामने 

स्पन्दनहीन ठहरा दी जाती है।


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