शंखनाद हुआ शंखनाद हुआ
ना कोई मेरी मंत्र पूजा ना ही कोई मूर्ति याचना। ना कोई मेरी मंत्र पूजा ना ही कोई मूर्ति याचना।
प्रदूषित हवा आतंक पर विश्व मंच, प्रदूषकों के अंत का करें शंखनाद। प्रदूषित हवा आतंक पर विश्व मंच, प्रदूषकों के अंत का करें शंखनाद।
अपने लिए भी जीना शुरू कर अपने लिए भी जीना शुरू कर। अपने लिए भी जीना शुरू कर अपने लिए भी जीना शुरू कर।
वक़्त से आगे या पीछे चल रहा हूँ, पता नहीं वक़्त से आगे या पीछे चल रहा हूँ, पता नहीं
गर्दीश में सुला दो हर मन में दबे आक्रोश के पर्वत में जो धधकते है ज्वालामुखी, बहा दो भाईचारे की नदीय... गर्दीश में सुला दो हर मन में दबे आक्रोश के पर्वत में जो धधकते है ज्वालामुखी, बह...