कानों में मिश्री सी घोलती मंदिर की आरती की आवाज कानों में मिश्री सी घोलती मंदिर की आरती की आवाज
आ शबनमी मलहम मलूं, तेरी आंखों की थकान पर। आ शबनमी मलहम मलूं, तेरी आंखों की थकान पर।
अमावस है आज और अंधेरी रात होगी पतझड़ बीतेगा कल फिर बरसात होगी। अमावस है आज और अंधेरी रात होगी पतझड़ बीतेगा कल फिर बरसात होगी।
न मै उसे और न ओ मुझे जनता फिर भी क्यो लुभा रहा है । न मै उसे और न ओ मुझे जनता फिर भी क्यो लुभा रहा है ।
घर-आंगन धरा हमारी है भारत भूमि हमको प्राणों से प्यारी है। घर-आंगन धरा हमारी है भारत भूमि हमको प्राणों से प्यारी है।
प्यार करनेवाले अपने प्रेमी काे ही जहाॅ, दुनिया, खुदा और ना जाने क्या क्या कहते है, मानते है... है ना... प्यार करनेवाले अपने प्रेमी काे ही जहाॅ, दुनिया, खुदा और ना जाने क्या क्या कहते ह...